आखि़र कोई तो वजह रही होगी।
कोई तो आंधी आई होगी।
क़ही से तो सागर की लहरें आई होंगी!
कुछ तो बरसात की बूंदें ही होंगी!
या होंगे कोई शब्दों के तीर!
जो खिलखिलाते चहरे की मुस्कान नम सी है।
आखि़र कोई तो वजह रही होगी
आखि़र कोई तो वजह रही होगी !
RGS
#royalfaqir
Om Namah Shivaay!
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